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मोतिहारी (बिहार): रेप पीड़िता से बोलेरो और कोर्ट खर्च मांगने वाली महिला दारोगा पिंकी कुमारी सस्पेंड — एसपी ने खुद की पुष्टि, सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से एक शर्मनाक और पुलिस विभाग को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ कानून व्यवस्था की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है, बल्कि महिला सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

मोतिहारी (बिहार): रेप पीड़िता से बोलेरो और कोर्ट खर्च मांगने वाली महिला दारोगा पिंकी कुमारी सस्पेंड — एसपी ने खुद की पुष्टि, सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह, संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़


बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से एक शर्मनाक और पुलिस विभाग को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ कानून व्यवस्था की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है, बल्कि महिला सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

मामला हरसिद्धी थाना क्षेत्र का है, जहां 27 अप्रैल को एक किशोरी के साथ बलात्कार की घटना हुई थी। पीड़िता ने परिजनों के साथ थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। लेकिन आगे की कार्रवाई में न सिर्फ लापरवाही बरती गई, बल्कि दारोगा पिंकी कुमारी द्वारा जो मांग की गई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है।


📞 ऑडियो वायरल – “बोलरो भेजो, तभी कार्रवाई होगी”

मामले की जांच कर रही महिला दारोगा पिंकी कुमारी का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह पीड़िता के परिजनों से साफ-साफ कोर्ट खर्च और बोलेरो जैसी लग्जरी गाड़ी की मांग करती सुनाई दे रही हैं।

दारोगा की यह बात पीड़िता के परिजनों ने रिकॉर्ड कर ली, जो अब सोशल मीडिया और पत्रकारों के माध्यम से पूरे जिले में चर्चा का विषय बन चुकी है। इस क्लिप में दारोगा न केवल असंवेदनशील भाषा में बात कर रही हैं, बल्कि यह भी जताती हैं कि बिना सुविधा दिए न्याय की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।


⚖️ एसपी की सख्त कार्रवाई – पिंकी कुमारी सस्पेंड

जैसे ही मामला मीडिया और सोशल मीडिया तक पहुंचा, पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने अरेराज डीएसपी से ऑडियो क्लिप की जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए।

एसपी ने दारोगा पिंकी कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, साथ ही स्पष्ट कर दिया कि

“भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर हो।”


🚨 तीन दिन तक नहीं हुई मेडिकल जांच और बयान की प्रक्रिया

घटना के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई में बेहद लापरवाही दिखाई। तीन दिनों तक न तो पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई, न ही कोर्ट में धारा 164 के अंतर्गत उसका बयान दर्ज हुआ। इस देरी ने न सिर्फ पीड़िता को मानसिक रूप से तोड़ा, बल्कि न्याय प्रक्रिया पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया।


🔥 जनता और महिला संगठनों में गुस्सा

घटना के खुलासे के बाद स्थानीय लोग और महिला संगठन आक्रोश में हैं।
महिला नेता मंजू देवी ने कहा:

“अगर जांच करने वाली महिला अफसर ही इस तरह का व्यवहार करेंगी, तो महिलाएं न्याय के लिए कहां जाएंगी?”


📌 परिजन बोले: सिर्फ सस्पेंशन नहीं, हो आपराधिक मुकदमा

पीड़िता के परिजनों ने कहा है कि सिर्फ सस्पेंड कर देना पर्याप्त नहीं है।

“महिला दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार और पीड़िता को मानसिक प्रताड़ना देने का आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए।”


📝 निष्कर्ष:

बिहार की इस घटना ने महिला सुरक्षा, पुलिस की नैतिकता और न्याय प्रणाली की प्रक्रिया तीनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के साथ-साथ पूरे महकमे को संवेदनशीलता और जवाबदेही के प्रशिक्षण की सख्त ज़रूरत है।

यह घटना केवल मोतिहारी की नहीं है — यह पूरे देश की महिलाओं से जुड़े एक बड़े सवाल की ओर इशारा करती है:
“क्या हमारे थाने, महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं?”


🗞️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
📰 वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍 संपादक व जिला प्रभारी (BJAC)
📞 संपर्क: 8217554083

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